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हनुमन कौन और किसे कहते हैं

Posted by : Taaza Khabar News on | Apr 27,2015

हनुमन कौन और किसे कहते हैं

गोस्वामी तुलसी दास द्वारा रचित हनुमन चालीसा में चालीस पंक्तियों में हनुमन के चरित्र का वर्णन है। इसीलिए इसे हनुमन चालीसा कहते हैं।
 
कहा जाता है कि हनुमन की मदद से गोस्वामी तुलसी दास को चित्रकूट में श्री राम के दर्शन हुऐ। वह मन कौन सा था जिसके कारण उन्हें श्री राम दिखे? वह निर्मल या निर्दोष मन ही ‘हनु मन’ है। जो ‘चित्र’ कभी भी न भूल सके -‘कूट’, वही हृदयस्थ श्री राम या परम आत्मा का दर्शन ही ‘चित्र-कूट’ है। यद्यपि आंखे सभी के पास एक समान होतीं है किन्तु एक ही वस्तु, व्यक्ति या घटना का अनुभव लोगों को उनके मन की स्थिति के अनुसार होता है।
 
सूरदास दृष्टि हीन थे परन्तु उनके मन की दृष्टि भौतिक आँखों के मुकाबले कहीं अधिक समर्थ थी। सूरदास का भक्त मन ही हनु-मन है । श्री कृष्ण का कभी न भूल सकने वाला वह चित्त उनका चित्र-कूट है।

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