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Chaitra Navratri

आत्महत्या कारण पहचान और निदान

Posted by : World News Report on | Jan 23,2016

आत्महत्या कारण पहचान और निदान

आत्महत्या ( लैटिन suicidium, sui caedere से, जिसका अर्थ है “खुद को मारना”) जानबूझ कर अपनी मृत्यु का कारण बनने के लिए कार्य करना है। यह सर्वविदित है की कोई मरना नहीं चाहता. सब लोग दुसरे को लम्बी उम्र की प्रार्थना करते हैं. जीवन फिर क्यूँ एक बोझ लगने लगती है,नीरस हो जाती है, जहर बन जाती है, आशा और उत्साह कहाँ गुम हो जाती है. हम क्यूँ यह गाने लगते हैं जीवन अगर जहर है तो पीना हीं पड़ेगा. निश्चित हीं हमारे विचार नकारात्मक हो जाते हैं. आशा की दीप बुझ जाती है, निराशा का अँधेरा जीवन में भर जाता है. अब प्रशन उठता है की क्या हमारे इस तरह के विचार को बदला जा सकता है? उत्तर हैं हाँ. लेकिन इसके लिए थोडा यह जानना जरुरी है की विचार बनते कैसे हैं.हम किस तरह से जीवन के घटना क्रम को लेते हैं, इसका बीज बचपन में हीं बो दिया जाता है. नकारात्मक विचार के कुछ प्रकार हैं जो नीचे हैं :
 
1. हमारी यह सोच की हम हर काम पूरी तरह से पूर्णत सही करें नहीं तो हम हार जाते हैं.
 
2. हमरी जीवन में निराशा से भरी है.
 
3. हम असफल हैं और लोग हमें सम्मान नहीं देते क्यूंकि हम सब काम में असफल होते हैं.
 
4. अगर भविष्य में कुछ होता है तो बहुत बुरा होगा.
 
5. लोग हमें पसंद करें तभी हम खुश रहेंगे .
 
6. हम जीवन की हर घटना को खासकर हार को बहुत ज्यदा गंभीरता से लेते हैं.
 
जब हम अपने जीवन को इस मानक पर पर खते हैं तो हम हर चीज को नकारत्मक रूप से लेते हैं. लेकिन इस सोच को बदला जा सकता है. मनोचिकित्सया ने यह माना है कीं ९०% आत्महत्या मानसिक रोग के कारण से होते हैं, जिसे वो अवसाद कहते हैं. १०% हीं आत्महत्या अचानक आवेग में किये जाते हैं. इसलिए हम उन ९०% लोगों को समझने का प्रयास करते हैं क्यूंकि इसकी पहचान हम कर सकते हैं जो मनोचिक्सक के द्वारा दवा से या सलाह मश्वोरा कर रोक सकते हैं. आत्महत्या अक्सर निराशा के चलते की जाती है, जिसके लिए अवसाद, द्विध्रुवीय विकार, मनोभाजन, शराब की लत या मादक दवाओं का सेवन जैसे मानसिक विकारों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। तनाव के कारक जैसे वित्तीय कठिनाइयां या पारस्परिक संबंधों में परेशानियों की भी अक्सर एक भूमिका होती है। यह भी शोध से पता चला है की यह अवसाद हमारे गलत ढग से जीवन के हर घटना को लेने के कारन होता है, लेकिन बहुत मामलों में यह हमारे जेनेटिक के कारन होते हैं. यह भी तथ्य है की आत्महत्या सिर्फ एक कारण से की जाती है बल्कि कई कारणों के कारण होता है.
 
यह कुछ कारण हैं जो अवसाद को जन्म देते हैं जो निम्न नीचे दिए गए हैं :
 
1. जीवन में नकारत्मक परिस्थिति का ज्यादा होना ,
 
2. किसी प्रिय आदमी का मौत,
 
3. तलाक और किसी के साथ सम्बंध्विछेद
 
4. बहुत अधिक हानि, जैसे मनपसंद नौकरी का चला जाना
 
5. कोई गंभीर बीमारी जो असहनिये हों
 
6. आशा का पूरी तरह से मर जाना
 
7. घरेलु हिंसा, बलात्कार आ ऐसी कुछ घटनाएँ
 
 हीनता की भावना
 
 नशीली दवा का सेवन
 
 किसी के उम्मीद पर खरा नहीं उतरना
 
 असफलता को जीवन का अंत मानना
 
अगर हम इस अवसाद को योग्य चिकित्सा से ठीक नहीं कर पाए तो यह एक मुख्या आत्महत्या के कारण है.हम लोग जब लम्बे समय तक दुखी रहें तो यह हमारे दैनिक कार्यों में परिलक्षित होता है, हम कोई भी काम ध्यान पूर्वक होकर नहीं कर पाते. नीचे कुछ उदहारण हैं जो यह बताता है की आप अवसादग्रस्त हैं और आपको डॉक्टर की सलाह की सख्त जरुरत है :
 
1. दो सप्ताह से ज्यादा उदास रहना
 
2. आलस्य का होना
 
3. किसी चीज पर ध्यानकेंद्रित नहीं होना
 
4. जयादा सोना या कम सोना
 
5. ज्यादा खाना या कम खाना
 
 अपने को बेकार समझना, असहाय महसूस करना, निराशा से भरा रहना
 
 जिस काम में पहले रूचि दिखाते थे वो खत्म होना
 
 बार बार रोना, अकेले रहना, जल्द क्रोधित होना
 
 अपने को दोशी मन्ना और लजा महसूस करना
 
 विवेकपूर्ण सोचने की सकती खत्म होना
 
हम जो कुछ भी करते हैं उसे मनोचिक्स्ये भाषा में हम schema कहते हैं. अगर हमारे सोचने के ढंग गलत हों तो हम गलत निश्क्र्यश निकालते हैं. यह हमारे बचपन में हीं बन जाता है.जैसे कुछ धारणा, मुझे कोई प्यार नहीं करता, मैं महत्यब पुरनह नहीं हूँ,मैं हमेशा हारता हूँ, लोग मेरा ख्याल नहीं रखते., कुछ बुरा होनेवाला है, लोग मुझे छोड़ देंगे, मैं कभी अच्छा नहीं हो सकता आदि इत्यादि. मैं अब ज्यादा गहरे में नहीं जायूँगा क्यूंकि इस रोग के पहचान और निदान काफी विषद बस्तु है. मैं सिर्फ यह जानकारी देने का प्रयास किया की हम क्यूँ आत्महत्या करते हैं और इसका उपाय है मगर एक योग्य चिकसक्य के पास.
 
 ऑरःhttp://taazakhabarnews.in/आत्महत्या-कारण-पहचान-और-न/

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